Para Teri yaad ki bimaari (Hindi Article)


तेरी याद एक ऐसी बीमारी बन गई है, जो ना जीने देती है ना मरने देती है. दिन रात तेरी कही बातें, तेरे वादे मुझे सुनाई देते हैं, हर जगह मेरा पीछा करते हैं. गैर चेहरों में ना जाने क्यूँ और कैसे मैं तेरी एक झलक ढूँढ ही लेती हूँ, और यूँ ही बिना बात के अजनबी लोगों पर मुस्कुरा देती हूँ. मेरी इस दीवानगी का कोई वजूद नहीं है, ना आज में, ना आने वाले कल में, ना मेरी ज़िंदगी में, ना तेरी ज़िंदगी में. मैं भूलना चाहती हूँ मगर हर लम्हे में, हर हवा के झोंके की तरह तेरा एहसास मेरी रगो में ज़रा और उतर जाता है. तेरे बदन की खुश्बू अब भी मेरे बदन की सिलवटों से आती है. मैं खुद को कई बार सॉफ कर के देख चुकी हूँ पर तेरी यादों का रंग मेरे जिस्म की परछाई तलक उतार चुका है. मैं पीछा छुड़ा-उँ भी तो कैसे, तेरी हर हरकत मेरे ज़हेन की हर ओर बिखरी हुई हैं. सब सामने है मेरे, तू धोकेबाज़ है, तूने दिल तोड़ा है मेरा, फिर क्यूँ तेरे लिए यह मोहब्बत कम नहीं होती, फिर क्यूँ यह आरज़ू ख़तम नहीं होती.

मैं हर दिन एक नयी आस लिए उठती हूँ, उस आस के दो पहलू होते हैं, एक यह की शायद आज तुझे भुला पा-ऊँ, और दूसरा कि शायद आज, काश मैं तुझे देख पा-ऊँ. पुर दो साल बाद भी यह हसरत दिल में एक जलते अंगारे की तरह सुलग रही है जिससे तेरी जुदाई और हवा देती है. मैं जीना चाहती हूँ, आगे बढ़ना चाहती हूँ, खुश रहना चाहती हूँ, अंदर से खुश, जैसे तेरे आने से पहले और तेरे जाने से पहले थी. बहुत दुख दिए हैं तूने मुझे पर उन दुख के लम्हों में भी कहीं ना कहीं खुशी का एक मुकाम था जिसे पाने की हर दिन की ख्वाहिश होती थी. तेरे साथ रहने के लिए बहुत कुछ सहा था मैने, बहुत कुछ किया था मैने लें फिर भी शायद कहीं ना कहीं तो कमी मेरी भी तही जिसके लिए आज तक और शायद ज़िंदगी भर मैं खुद से नफ़रत करूँगी. 

जहाँ तेरे ख्वाबों की जगह भी मैं किसी और को दे ना पाई वहाँ तूने मेरी जगह मेरे होते हुए ना जाने कितनों को दी. तेरे जाने के बाद भी ना जाने कितने मौके थे पर ना जाने क्यूँ तू दिल के ऐसे भंवर में जा बसा की तुझे निकालने के लिए मैं खुद ही तुझे ढूँढ ना सकी. तू है अब भी, अंदर कहीं दफ़्न मेरी तन्हाइयों में, हर दिन तुझे कतरा-कतरा पा कर मैं ज़िंदगी गुज़ार रही हूँ और गुज़ार लूँगी. मेरे लिए तेरे दिए हुए वो तीन साल बहुत हैं, जिन्हे सोच कर और याद कर के मैं महसूस करती हूँ की तू मेरे आस पास ही है. हर दिन मेरे माथे को चूम कर एक अच्छे दिन की उम्मीद मुझे देते हुए तू मेरे साथ साथ चलता है.

जानती हूँ की तेरी मौजूदगी एक बहुत बड़ा धोखा थी, झूठ थी, जिस शक़स से मैने प्यार किया था, वो खुद भी बहुत बड़ा झूठ था, मगर सब बातों की एक बात है, की मेरा प्यार सच्चा था जो मैं तुझे कभी नहीं समझा सकी. तेरे होते हुए और तेरे जाने के बाद भी, मैं तेरी थी, तेरी हूँ और तेरी रहूंगी. कल को मेरा नाम ना जाने किस से जुड़ जाएगा, मगर मैं हमेशा खुद को तेरी अमानत ही समझूंगी, मुझे छूने का हक़ शायद कोई रस्म किसी को दे देगी, मगर मेरी रूह तक पहुँचने का रास्ता मैं किसी को नहीं बता-उंगी, मेरी मोहब्बत को पाने का रास्ता मैं किसी को नहीं बता-उंगी. जो तेरा था, वो तेरा है और तेरा ही रहेगा. तूने बहुत ग़लत किया मेरे साथ मगर पता है तेरी सबसे बड़ी सज़ा क्या है, की मैं यह सब जानते हुए भी, हमेशा तुझसे ही प्यार करूँगी. हर सुबा उठते ही तेरी दी हुई कोई चीज़ छू-उंगी और तुझे हर दिन अपने आस पास महसूस करूँगी, जब भी ज़िंदगी में कोई बड़ा दिन होगा, तो तेरी दी हुई कोई चीज़ अपने बहुत पास रखूँगी. पता है बहुत कोशिश की की मैने तेरे लिए बद-दुआ माँगूँ, पर पता है, यह हाथ हमेशा तेरे लिए दुआ माँगने के लिए ही उठे हैं और कुछ बुरा नहीं माँग पाती मैं. तेरी हर बात मुझे याद है, तेरी हर अदा, तेरी हर शकल, तेरा गुस्सा, तेरा प्यार, तेरी हर बात से मुझे पहले भी प्यार था, अब ही प्यार है और जब तक मेरी साँसें हैं ना, तब तक रहेगा. काश तुझे यह कभी समझा पाती.

 मेधावी
03-06-15



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