Posts

Showing posts from February 3, 2015

Long उसे लगता था

उसे लगता था, यह वक़्त, यह फासलों की दीवारें, मेरी मोहब्बत को धुँधला कर देंगी. उसे लगता था, गुज़रते मौसमों के साथ, भूल जाउन्गि मैं हर एक बात. उसे लगता था, की फिर सवेरा होगा मेरे दिल में, शायद पीछा छुड़ा लूँगी इस मुश्किल से. उसे लगता था, कोई भर सकेगा मोहब्बत फिर मुझमें, मैं कर सकूँगी मोहब्बत फिर से. उसे लगता था, उसकी खुश्बू, उसका एहसास कहीं गुम हो जाएगा, शायद कभी उसका चेहरा ना मेरी नज़रों पे छाएगा. उसे लगता था, उसकी तरह मैं सब भूल जाउन्गि, चलते चलते आयेज बढ़ जाउन्गि. पर आज भी ना जाने क्यूँ, मूड के देखती हूँ मैं पीछे, कहीं वो राह ना देख रहा हो, दुआ मांगती हूँ आँखें मीचे, की वो भी मुझे याद करता हो, हर दिन लड़ती हूँ खुद से, क्यूंकी आज भी उस पर मरती हूँ, यह मोहब्बत है हद से बढ़के, जो मैं आज भी टूट कर करती हूँ. मेधावी 02.02.15