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Showing posts from July 13, 2015

जिया ना जाए बिन तेरे

जिया ना जाए बिन तेरे, कोई बहाना दे, टूट-ता है मुझसे एक एक पल तेरी याद का, कोई ठिकाना दे, मैं सरहदों में क़ैद हो कर रह गयी हूँ, एक आज़ाद लम्हा दे, गिलों को शिकवों को, कर दे पराया,  बस मुझे करीब रख, मिटा दे हर दायरा, इस रात को कर दे फ़ना, हर अधूरी बात आज पहुँचा दे मंज़िल तक, दिल से निकली जो सुन सदा, हर गम भुला दे आज, पहुँचा दे हूमें मंज़िल तक, तुम संग हो फिर भी क्यूँ यह एहसास है, तुमको और पाने की घड़दी अब भी दूर है शायद, तुम्हे देख देख वही एक बात है, तुमसे फिर मोहब्बत कर बैठे हैं शायद, तुम्हारी मुस्कान पर मिटने को जी चाहे, बिन तुम्हारे साँसें उखड़ती जायें, अब भी तुम्हे देख क्यूँ यकीन ना आए, तुम हो मेरे,हर पल यकीन दिलाए