Abhi 1

आज यूँ ही तुम्हारी याद आ गयी, 
और सोच में पड़ गए , 
तुम होते तो कैसा होता...

शायद मुशकिलें आसानी से आसान हो जाती , 
रातें यह शायद सो कर गुज़र जाती ,
हर सुबह तुम्हे ख़ुशी से याद करते , 
मिलने के नए बहाने हम बुन्ते ...

पर अब तुम इतनी दूर हो , 
की कोई पुकार तुम तक नही पहूँचती , 
कोई खत तुम्हारा पता नही जानता , 
कोई ज़रिया तुम से नही जुडता ...

सोचते हैं अक्सर , 
क्या तुम हो आस पास कहीं , 
मेरी गलतियां देख रहे हो ,
या मेरे रास्ते चुन रहे हो , 
अगर हो तो हाथ बढा रखा है , 
बस एक कदम आगे बढ कर , 
थाम लो हमको .

कि बिखर रहे हैँ ख्वाब यह सारे , 
इस अेतबार पर , की तुम हो यहीं पर , 
एक दफा बस लौट भी आओ , 
सांस दे जाओ , ज़िन्दगी भर के लिए ... 
.
.
Miss you Abhishek Singh. 
Please come back. 
RIP.

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