W. Afsaane ✌️
अंधेरों में गुम किसी साये की तरह ,
वो अजनबी हूए किसी पराये की तरह ,
मुड़ के देखा तो खुद से ही टकरा गए ,
टूट गए एक पल में हकीकतों के आयीने ...
वो निकल गए सामने से बीते अफसाने की तरह ,
वो मिट गए तकदीर से गुजरे ज़माने की तरह ,
जितने थे हसीन ख्वाब सब मुर्झा गए ,
खुद पर हसना चाहा तो नैन पथरा गए ...
- मेधावी
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