🚩Dhaage

कुछ ऊलझे हुए हैं धागे,
नफरत के , मोह के , तुमसे ,
गांठ हो तो खोल भी लें ,
ये तो ज़िन्दगी है जो गुज़रती नही ...
.
.
मेधावी
21/08/18

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