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Showing posts from February, 2017

🚩How do you ? ...*

How do you sleep at night ? With that heavy heart filled with guilt... How do you smile all the time ? With those eyes filled with grief... How do you talk with such ease ? With a million fumbling thoughts... How do you enable yourself to love again ? With nothing left to give except pain... How do you hold her hand ? With the fear that you might give up... How do you look into her eyes ? With unsure feelings inside your heart... How do you live this life ? With no reason to love yourself... Medhavi 27.02.17

🤗|She wasn't her...|

He looked into her eyes. She lost her focus. He smiled at her. She was flummoxed. He walked past her. She could smell him. He sat opposite her. She could hear him talk. He looked happier. She was lost in despair. He again looked at her. She recollected herself again. But he was with her. And she wasn't her. Medhavi 27.02.17

🤗|यह भी जानती हूँ मैं|

है कितना कसूरवार तू, मुझे दीवाना बनाने में, है कितना कसूरवार तू मुझे दीवाना बनाने में, यह सोचते सोचते, तुझपर गाज़ल लिख रही हूँ मैं, तेरी बेख़बरी को जुनून बना कर, तेरी बेख़बरी को जुनून बना कर, आज फिर खुद पर हंस रही हूँ मैं. तुझमें है बात वो क्या, यह अब भी जानती नहीं हूँ मैं, तुझमें है बात वो क्या, यह अब भी जानती नहीं हूँ मैं, बस फिर तुझको देख कर, तुझसे और मोहब्बत कर रही हूँ मैं. इबादत, इबादत का नाम दूं अगर, इबादत, इबादत का नाम दूं अगर, तो खुदा से मुकर रही हूँ मैं. इबादत का नाम दूं अगर, तो खुदा से मुकर रही हूँ मैं, फिर भी तेरे नाम का कलमा, फिर से दोहरा रही हूँ मैं. ज़िंदगी तेरे बिन गुज़ारनी है, यह भी जानती हूँ मैं, ज़िंदगी तेरे बिन गुज़ारनी है, यह भी जानती हूँ मैं, फिर भी अपने आज से, कल को तबाह कर रही हूँ मैं. मेधावी

Exhausted ? But why ! **

Have you ever felt exhausted ? Exhausted from the world around you, fake smiles, failures, unexpected goodbyes, unwanted encounters, bitter truths, being taken for granted, body shamed? Being judged over the minutest of things, two faced people, heartbreaks, being cheated over, being walked over, being used over n over? Being discouraged by your confidants, Being challenged by incompetent losers, Being questioned about your choices, Being labeled with a stereotype? When you feel exhausted with any of these things... Just look at the brighter side.. Coz there are people out there who smile with their eyes and heart, who give without expecting, who encourage you when you fail, who never say goodbye, who make each encounter meaningful, who help you make sense of anything and everything, who make you face the bitter truths but stand by you to give you strength to face them, but not alone, who value you n are scared to lose you, who accept you as you are, with your imperfec...

🤗|ना करना ऐसी मोहब्बत|

जब नींद ही नज़र से नाराज़ हो जाए, सिसकियों में दबी हर साँस हो जाए, जब मौन हो शोर का वजूद भी, और महफ़िलों में तन्हाई बट्ट जाए, जब रोशनी में परछाईयाँ बढ़ जायें, और सायों का रुख़ बदल जाए, जब मौजूदगी में भी हो कमी, और खुद से मुलाक़ात हो जाए, सारी कायानात एक इशारा करेगी , तुमको फिर से तुम्हारा करेगी , ना करना ऐसी मोहब्बत, जो दूर तुमको खुद से कर दे, ना टूटना जोड़ने को किसी को ऐसे , की खुद के टुकड़े भी खो जायें. Medhavi Medz 14-02-17 Happy Valentine's Day esp. To all the singles ! Love yourself first... Don't let anyone break your spirit in the name of love.

👤|मुलाक़ातें|

वो निकल गये सामने से, अजनबी हो कर, और हमने मुलाक़ातें ना जाने कितनी कर ली. Medhavi 13-02-17

🎈|एक आवारा परवाना|

एक आवारा परवाना, शमा की तलाश में, देखो कहाँ आ रुका सफ़र, मंज़िल की तलाश में, आगे खाई सी ज़िंदगी, पीछे गुज़रा हुआ कल, हाथों से फिसलता हुआ वक़्त, और नज़रों में थमा हुआ एक पल. Medhavi 09.02.17

🎈|कैसे हम तुझको भुला दें|

क्यूँ तेरे निशान मुझे मेरी ही यादों से दूर करते हैं, क्यूँ तेरी बे-वफ़ा-ई के बाद अब भी हमारे रास्ते वफ़ा निभाते हैं, क्यूँ खड़ा कर देते हैं दर्द के दरीचे पर मुझे हर रोज़ हालात, क्यूँ तुमसे कुछ बिना कहे बस खामोशी से ही करते हैं हम घंट्टों तक बात, क्यूँ अब भी एहसास तेरी खुश्बू पहचानते हैं, क्यूँ तेरी आहट सुन अब भी ज़हेन से सवाल उठते हैं, क्यूँ तेरी पसंद के रंग के कपड़े मैं अब भी पहनती हूँ, क्यूँ तेरे आगे झूठी खुशी मैं जताती हूँ, क्यूँ लड़खड़ाते हैं कदम जब सामने तू आता है, क्यूँ गुम जाते हैं लफ्ज़ जब तेरी आवाज़ मैं सुनती हूँ, क्यूँ अब भी तेरा नाम लभ पे आके रुक जाता है, क्यूँ तेरी यादों का सैलाब मुझे हर दिन डुबाता है, आज़ाद कर दे मुझे अपने इन ख़यालों से, नहीं गुज़रना हर दिन मुझको इन सवालों से, मिटा दे मुझे या गुज़रा वक़्त लौटा दे, की अब नहीं कट-ता एक पल, कैसे हम तुझको भुला दें. Medhavi 08.02.17

🚩तुकड़े

जब खुद को देखती हूँ टूटते हुएे तो अक्सर ये सोचा करती हूँ मेरे तुकड़े तुमको भी चुभते हैं क्या ... -मेधावी 08.02.17

🤗|नाम तेरा|

नाम तेरा क्यूँ अब भी लभ पर, बिन याद करे आ जाता है, है ख़ौफ्फ सा एक तेरे सामने का, फिर भी दिल दीदार की दुआ ही करता है. Medhavi 01-02-17

😑कुछ ऐसा महसूस होने लगा

टूट गये जो काँच के टुकड़े भी, उनका वजूद क्या रहा भला, सोचो तो शायद फिर भी, सोचो तो शायद फिर भी, होंगे वो किसी काम के, हमको मोहब्बत ने ऐसा बिखेरा, की ज़ररा ज़ररा अपना ही गैर लगने लगा. साँस का साथ तो रहा पर, साँस का साथ तो रहा पर, ज़िंदगी ने हाथ छोड़ दिया, दुनिया है अब भी वैसी ही बस, रंगों ने मूह मोड़ लिया, काँटे भी मुरझा गये जैसे, कुछ ऐसा महसूस होने लगा, देखा पहली दफ़ा हमने, खुद से खुद का पता खोता हुआ. Medhavi 01-02-17

🤗|जब शोर में भी खामोशी हो|

जब शोर में भी खामोशी हो, और खामोशी में ख़याल चिल्लायें, जब थका हो जिस्म पूरी तरह, और गुज़रे वक़्त की खनक सोने ना दे, जब  हँसी हो लभ पर और कदमों में जहाँ हो फिर भी, खुद सा ग़रीब ना दिखे दुनिया में कोई, जब बेबसी और ज़िंदगी दोस्त बन जायें, और राहतें कर दें अलविदा, जब रौनाकें रोशनी डराने लगें, और अंधेरोन में मिले खुद का पता, तब समझ लेना आए दोस्त मेरे, तेरी दबी आरज़ू-ओं का भी कोई मतलब ना रहा, जो गवा आए तुम दिल्लगी में वो जज़्बातों का पुलिंदा था, अब ढूँढ के लाओ पहले वो तो शायद जीना फिर से सीख लें. Medhavi 01-02-17

🎈|थमी हुई है साँस|

थमी हुई है साँस यह अब तक, उसी मोड़ की धुंधली सरहद पर, जहाँ तेरा दीदार हो हर दिन, मेरी मंज़िल उसी जन्नत तक. Medhavi 01-02-17