|रहगुज़ार|
रहगुज़ार जो थे हमसफ़र बन गये,
ज़िंदगी की दौड़ में दो दिल ठहेर गये,
माँगी थी दुआ आशियाने की, जन्नत पा गये,
यूँ ही चलते चलते देखो हम कहाँ आ गये.
ज़िंदगी की दौड़ में दो दिल ठहेर गये,
माँगी थी दुआ आशियाने की, जन्नत पा गये,
यूँ ही चलते चलते देखो हम कहाँ आ गये.
Dedicated to my Bestie Shil n Naveen :-)
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