Aaj yun hi
आज यूँ ही तुम्हारी याद आ गयी, और सोच में पड़ गए , तुम होते तो कैसा होता... शायद मुशकिलें आसानी से आसान हो जाती , रातें यह शायद सो कर गुज़र जाती , हर सुबह तुम्हे ख़ुशी से याद करते , मिलने के नए बहाने हम बुन्ते ... पर अब तुम इतनी दूर हो , की कोई पुकार तुम तक नही पहूँचती , कोई खत तुम्हारा पता नही जानता , कोई ज़रिया तुम से नही जुडता ... सोचते हैं अक्सर , क्या तुम हो आस पास कहीं मेरे , मेरी गलतियां देख रहे हो , या मेरे रास्ते चुन रहे हो , अगर हो तो हाथ बढा रखा है , बस एक कदम आगे बढ कर , थाम लो हमको . कि बिखर रहे हैँ ख्वाब यह सारे , इस अेतबार पर , की तुम हो यहीं पर , एक दफा बस लौट भी आओ , सांस दे जाओ , ज़िन्दगी भर के लिए ... . . Miss you Abhishek Singh. Please come back. RIP.